छोटीकाशी के नाम से विख्यात बूंदी में आने वाले देशी-विदेशी सैलानियों को अब माउंटआबू की नक्की झील जैसे नौका विहार की सुविधा उपलब्ध होगी। वे झील के बीच पानी में अटखेलियां कर सकेंगे। बूंदी जिले के लोगों को भी नौकायन का लुत्फ उठाने दूर नहीं जाना पड़ेगा। यह सब होगा तारागढ़ महल के निकट स्थित नवल सागर झील में।
प्रशासन ने इसके लिए तमाम तैयारियां पूरी कर ली। नगर परिषद ने नवल सागर तालाब में नवल सागर बोटिंग एवं वाटर फन के तहत नौकायन के लिए निविदा निकाली थी। जिसमें कोटा की सीआरएफ एडवेंचर के नाम तीन वर्ष के लिए निविदा स्वीकृत हुई। उक्त कंपनी को परिषद ने वर्कऑर्डर जारी कर दिया। अब जल्द झील में नौकायन शुरू किया जाएगा।
पर्यटकों व बूंदी के बाशिंदों को नवल सागर झील में आठ तरह की नौकायन की सुविधा मिलेगी। इसमें शिकारा बोट, मोटर बोट, वाटर रोलर, वाटर जोरबिंग, कैयाक, फैमेली स्किंग, पैडल बोट व वाटर स्कूटर झील में चलाए जाएंगे। जिनमें सवार होकर लोग झील में जा सकेंगे, पानी में भ्रमण का मजा ले सकेंगे। यहां पर वाटरबोट के जरिए जल क्रीड़ा करने का मौका मिलेगा।
शहर में हर वर्ष सैकड़ों की तादाद में देशी -विदेशी पर्यटक भ्रमण के लिए आ रहे हैं। यहां आने वाले लोगों को नवल सागर झील में बोटिंग की सुविधा मिलेगी। इससे नगर परिषद की आय तो बढ़ेगी ही, साथ ही पर्यटन व्यवसाय को भी बढ़ावा मिलेगा। पर्यटन से जुड़े लोगों के रोजगार में वृद्धि होने की संभावनाएं बढ़ गई।जानकारों की माने तो नौकायन का सही संचालन हुआ तो जिले में पर्यटकों की तादाद भी बढ़ेगी।
प्रशासन ने इसके लिए तमाम तैयारियां पूरी कर ली। नगर परिषद ने नवल सागर तालाब में नवल सागर बोटिंग एवं वाटर फन के तहत नौकायन के लिए निविदा निकाली थी। जिसमें कोटा की सीआरएफ एडवेंचर के नाम तीन वर्ष के लिए निविदा स्वीकृत हुई। उक्त कंपनी को परिषद ने वर्कऑर्डर जारी कर दिया। अब जल्द झील में नौकायन शुरू किया जाएगा।
पर्यटकों व बूंदी के बाशिंदों को नवल सागर झील में आठ तरह की नौकायन की सुविधा मिलेगी। इसमें शिकारा बोट, मोटर बोट, वाटर रोलर, वाटर जोरबिंग, कैयाक, फैमेली स्किंग, पैडल बोट व वाटर स्कूटर झील में चलाए जाएंगे। जिनमें सवार होकर लोग झील में जा सकेंगे, पानी में भ्रमण का मजा ले सकेंगे। यहां पर वाटरबोट के जरिए जल क्रीड़ा करने का मौका मिलेगा।
शहर में हर वर्ष सैकड़ों की तादाद में देशी -विदेशी पर्यटक भ्रमण के लिए आ रहे हैं। यहां आने वाले लोगों को नवल सागर झील में बोटिंग की सुविधा मिलेगी। इससे नगर परिषद की आय तो बढ़ेगी ही, साथ ही पर्यटन व्यवसाय को भी बढ़ावा मिलेगा। पर्यटन से जुड़े लोगों के रोजगार में वृद्धि होने की संभावनाएं बढ़ गई।जानकारों की माने तो नौकायन का सही संचालन हुआ तो जिले में पर्यटकों की तादाद भी बढ़ेगी।
झील में नौकायन को मंजूरी मिल गई, लेकिन इसकी सफाई पर भी ठोस ध्यान देना होगा। अभी बालचंद पाड़ा क्षेत्र से आने वाले गंदे नालों का पानी इसी झील में समा रहा है। साथ ही कई होटल व्यवसायियों ने नालियों का रुख झील की ओर कर दिया। जानकारों की माने तो नगर परिषद इसके लिए भी ठोस निर्णय करें।
Ache pal hai ye
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