क्या आप अपनी सेहत को लेकर बेहद सजग हैं। हो सकता है कि आप अपनी घड़ी या मोबाइल पर इस तरह का कोई एप डाउनलोड कर चलते हों कि आपकी सेहत में थोड़ी भी गड़बड़ हुई नहीं कि आपके जानकारों को सूचना मिल जाएगी। लेकिन अमेरिका में इससे एक कदम और आगे काम किया जा रहा है। वहां की सरकार का मानना है कि हेल्थ रिकार्ड की मोटी-मोटी फाइलों को संभाल कर रखना अपने आप में बड़ी सिरदर्दी है। इसलिए एक इलेक्ट्रानिक पासवर्ड पर काम किया जा रहा है जो सीधे दिल की धड़कनों से जुड़ा होगा। दिल की धड़कन ही उसके इलेक्ट्रानिक हेल्थ रिकार्ड का पासवर्ड होगी। अमेरिका में बिंगहैम्प्टन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के मुताबिक, ‘पुरानी व्यवस्थाओं के स्थान पर धीरे-धीरे नई व्यवस्था आ रही है और हम चाहते थे कि बीमार व्यक्ति के स्वास्थ्य रिकार्ड को सुरक्षित रखने के लिए कोई अनूठा समाधान मिल सके जो सरल, सहज उपलब्ध और सस्ता हो।’ वैज्ञानिकों ने किसी व्यक्ति के विशिष्ट ईसीजी डाटा का इस्तेमाल करते हुए उसकी हेल्थ फाइल को लॉक या अनलॉक करने के लिए उसकी दिल की धड़कनों को चाबी के रूप में इस्तेमाल करने का तरीका ढूंढ निकाला है। ईसीजी संकेतों को क्लीनिकल डायगनोसिस के लिए एकत्र करते हुए इन्हें इलेक्ट्रानिक हेल्थ रिकार्ड तक एक नेटवर्क के जरिए भेजा जाता है। इस प्रक्रिया में मरीज के हेल्थ रिकार्ड तक पहुंचने के लिए उसके दिल की धड़कन ही पासवर्ड होगी। फिलहाल इस पर काम चल रहा है। हो सकता है कि जल्दी ही यह काम पूरा हो जाये।
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