नशेडियो की मंडी बना उल्हासनगर ?
गली गली में बिकता है नशे का सामान !
पुलिस के संरक्षण चल रहा नशे का गोरखधंधा ?
उल्हासनगर- उल्हासनगर इन दिनों एक अलग पहचान के रूप में सामने आ रहा है जैसे ऑर्केस्ट्रा डांसबार, लॉजिंग बोर्डिंग, वेश्या-व्यवसाय के नाम से बदनाम तो था ही अब शहर नशे के कारोबार के रूप में सुप्रसिद्ध हो रहा है, शहर के विभिन्न जगहों पर खुलेआम गांजा इत्यादि की बिक्री से नवयुवकों का भविष्य बर्बाद हो रहे है, इस नशे के धंधों के साथ चरस, गांजा, अफिम, हुक्का पार्लर के धंधों की बजह से शहर में दिन दहाड़े लूटपाट, हत्या जैसी गतिविधियां भी बढ़ रही हैं !
पिछले दिनों उल्हासनगर रेलवे स्टेशन के पास स्कायवॉक पर से गुजर रहे एक एसी मकैनिक को तीन चरसियों ने नशे के लिए पैसे न देने पर उसकी हत्या कर दी थी यही नहीं गौतम म्हस्के नामक एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी पर भी प्राणघातक हमला कर उसे गंभीर रूप से जख्मी कर दिये जाने की घटना सामने आई थी , ये नशेड़ी नशे के लिए चोरी, लूटमार, मारामारी, महिलाओं से छ़ेडखानी, चेन स्नैचिंग इत्यादि घटनाओं को अंजाम देते हैं,पुलिस इन नशेड़ियो पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रही है ? उल्हासनगर रेलवे के पास की झोपड़पट्टी संजय गांधीनगर, शांतिनगर परिसर में श्मशानभूमी के पास और ब्राम्हणपाड़ा, विठ्ठलवाड़ी रेलवे स्टेशन के करीब गोपालनगर, चोपड़ा कोर्ट के पीछे, हनुमान मंदिर, हिराघाट के पास बंद पड़े सिंधी स्कूल, भीम कॉलोनी, मराठा सेक्शन, मद्रासी पाड़ा, नेहरू चौक, साई बाबा मंदिर के पीछे, हिललाईन पुलिस के पास प्रेमनगर टेकड़ी, खेमानी सहित कई परिसरों में बड़ी आसानी से चरस, गांजा, अफिम बेचा जाता है, यही नहीं शहर की युवा पीढ़ी हुक्का-पार्लर के कारण बर्बाद हो रही है, शहर में करीबन २५ से ३० हुक्का पार्लर हैं, सबसे ज्यादा हुक्का पार्लर गोल मैदान परिसर में और नेहरू चौक, सीएचएम कॉलेज के पास, सी ब्लॉक, डॉल्फिन रोड, शहाड फाटक, श्रीराम टॉकीज के पास अनेक हुक्का पार्लर बेधड़क चल रहे हैं, इन हुक्का पार्लरोें के कारण कॉलेज और स्कूल के विद्यार्थी बड़े पैमाने में नशे के शिकार हो चुके है,| इस नशे के कारोबारों की अगर कोई पुलिस को शिकायत करता है तो पुलिस द्वारा शिकायतकर्ता का नाम उजागर कर देने से शिकायतकर्ता पर कई बार प्राणघातक हमले हो चुके हैं, यही वजह है कि नशे का कारोबार की शिकायत करने की हिम्मत नही जुटा पाते है, पुलिस डिपार्टमेंट कुछ लोग इस नशे के कारोबार को थोड़े से पैसे कमाने के चक्कर मे मदत कर रहे है परंतु उन्हें ये आभास नही है कि जिस जहर की खेती को वो बढ़ाने में जुटे है वह एक दिन उनके घर को भी बर्बाद कर सकती है,उल्हासनगर को क्राइम मुक्त करना है तो पहले इस नशे के कारोबार को पूरी तरह से निस्तोनाबूत करना होगा पुलिस के आला अधिकारी इस पर क्या कार्यवाई करते है इस पर पूरे शहरवाशियो की नजरें टिकी हुई है!
गली गली में बिकता है नशे का सामान !
पुलिस के संरक्षण चल रहा नशे का गोरखधंधा ?
उल्हासनगर- उल्हासनगर इन दिनों एक अलग पहचान के रूप में सामने आ रहा है जैसे ऑर्केस्ट्रा डांसबार, लॉजिंग बोर्डिंग, वेश्या-व्यवसाय के नाम से बदनाम तो था ही अब शहर नशे के कारोबार के रूप में सुप्रसिद्ध हो रहा है, शहर के विभिन्न जगहों पर खुलेआम गांजा इत्यादि की बिक्री से नवयुवकों का भविष्य बर्बाद हो रहे है, इस नशे के धंधों के साथ चरस, गांजा, अफिम, हुक्का पार्लर के धंधों की बजह से शहर में दिन दहाड़े लूटपाट, हत्या जैसी गतिविधियां भी बढ़ रही हैं !
पिछले दिनों उल्हासनगर रेलवे स्टेशन के पास स्कायवॉक पर से गुजर रहे एक एसी मकैनिक को तीन चरसियों ने नशे के लिए पैसे न देने पर उसकी हत्या कर दी थी यही नहीं गौतम म्हस्के नामक एक ट्रैफिक पुलिसकर्मी पर भी प्राणघातक हमला कर उसे गंभीर रूप से जख्मी कर दिये जाने की घटना सामने आई थी , ये नशेड़ी नशे के लिए चोरी, लूटमार, मारामारी, महिलाओं से छ़ेडखानी, चेन स्नैचिंग इत्यादि घटनाओं को अंजाम देते हैं,पुलिस इन नशेड़ियो पर लगाम लगाने में नाकाम साबित हो रही है ? उल्हासनगर रेलवे के पास की झोपड़पट्टी संजय गांधीनगर, शांतिनगर परिसर में श्मशानभूमी के पास और ब्राम्हणपाड़ा, विठ्ठलवाड़ी रेलवे स्टेशन के करीब गोपालनगर, चोपड़ा कोर्ट के पीछे, हनुमान मंदिर, हिराघाट के पास बंद पड़े सिंधी स्कूल, भीम कॉलोनी, मराठा सेक्शन, मद्रासी पाड़ा, नेहरू चौक, साई बाबा मंदिर के पीछे, हिललाईन पुलिस के पास प्रेमनगर टेकड़ी, खेमानी सहित कई परिसरों में बड़ी आसानी से चरस, गांजा, अफिम बेचा जाता है, यही नहीं शहर की युवा पीढ़ी हुक्का-पार्लर के कारण बर्बाद हो रही है, शहर में करीबन २५ से ३० हुक्का पार्लर हैं, सबसे ज्यादा हुक्का पार्लर गोल मैदान परिसर में और नेहरू चौक, सीएचएम कॉलेज के पास, सी ब्लॉक, डॉल्फिन रोड, शहाड फाटक, श्रीराम टॉकीज के पास अनेक हुक्का पार्लर बेधड़क चल रहे हैं, इन हुक्का पार्लरोें के कारण कॉलेज और स्कूल के विद्यार्थी बड़े पैमाने में नशे के शिकार हो चुके है,| इस नशे के कारोबारों की अगर कोई पुलिस को शिकायत करता है तो पुलिस द्वारा शिकायतकर्ता का नाम उजागर कर देने से शिकायतकर्ता पर कई बार प्राणघातक हमले हो चुके हैं, यही वजह है कि नशे का कारोबार की शिकायत करने की हिम्मत नही जुटा पाते है, पुलिस डिपार्टमेंट कुछ लोग इस नशे के कारोबार को थोड़े से पैसे कमाने के चक्कर मे मदत कर रहे है परंतु उन्हें ये आभास नही है कि जिस जहर की खेती को वो बढ़ाने में जुटे है वह एक दिन उनके घर को भी बर्बाद कर सकती है,उल्हासनगर को क्राइम मुक्त करना है तो पहले इस नशे के कारोबार को पूरी तरह से निस्तोनाबूत करना होगा पुलिस के आला अधिकारी इस पर क्या कार्यवाई करते है इस पर पूरे शहरवाशियो की नजरें टिकी हुई है!
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