अवैध निर्माण कर्ता से हप्ता वसूली करते मुकादम को एंटीकरप्शन विभाग ने किया गिरप्तार !
मनपा में मचा हड़कंप !
उल्हासनगर- मनपा आयुक्त राजेन्द्र निंबालकर को मनपा महापौर द्वारा अबैध निर्माणों के खिलाफ निशाने पर लेकर कार्यवाही की मांग करने के बाद मनपा प्रशासन ने अभी तक तोड़ू कार्यवाही तो नही शुरू की जबकी शहर में बन रहे अबैध निर्माणों की वसूली करते उल्हासनगर मनपा में कार्यरत एक कर्मचारी पर अबैध निर्माण की वसूली करते रंगे हाथ ठाणे एंटीकरप्शन ने 8 हजार रुपया लेते गिरप्तार कर लिया है।
जिससे मनपा के अधिकारियों की मिली भगत से होने वाले अबैध निर्माण का बड़ा खुलासा होने से मनपा प्रशासन के प्रभाग अधिकारियों मुकदमा में हड़कंप मच गया है। प्राप्त जानकारी अनुसार मनपा के प्रभाग समिति 2 अंतर्गत के कार्यालय परिसर एरिया में एक व्यक्ति अबैध निर्माण कर रहा था।जिसके अबैध निर्माणों को तोड़ू कार्यवाही से बचाने के लिए प्रभाग समिति 2 के पैनल वार्ड 8 के मुकदमा अन्ना साहेब बोर्डे 42 ने 10 हजार रुपये की मांग की थी। मुकदमा की मांग पर अबैध निर्माणकर्ता ने 2 हजार रुपया पहले दे दिया था।बाकी बकाया रकम 8 हजार देने का वादा करके मुकादम द्वारा मांग की शिकायत ठाणे एंटीकरप्शन विभाग को किया ।जिसके बाद ठाणे एंटीकरप्शन विभाग उप अधीक्षक अंकुश बांगर की गठित टीम ने सोमवार को दोपहर नेहरू चौक स्थित मुकादम बोर्डे को अबैध निर्माण के 8 हजार रुपया लेते रंगे हाथ गिरप्तार कर लिया है। बता दे की उल्हासनगर मनपा अंतर्गत बन रहे अबैध निर्माण को बचाने को लेकर वसूली करने के आरोप में कई मनपा अधिकारी कर्मचारी समेत प्रभाग संभापति पर एंटीकरप्शन विभाग की गाज गिर चुकी है।जिसमे एंटीकरप्शन की गिरप्तारी के बाद कई मनपा अधिकारी व कर्मचारी पुनः मनपा के कई विभागों में कार्यरत कर दिये गये है। ध्यान देने की बात है की उल्हासनगर मनपा अंतर्गत अबैध निर्माणों के खिलाफ मुम्बई हाई कोर्ट ने वर्ष 2005 में तोड़ू कार्यवाही का आदेश दिया था जिस दौरान तोड़ू कार्यवाही में बड़े पैमाने पर मनपा प्रशासन ने तोड़ू कार्यवाही कर हड़कम्प मचा दिया था। उस दौरान तत्तकालीन महाराष्ट्र की अघाड़ी सरकार ने उल्हासनगर के अबैध निर्माणों को बचाने के लिये अध्यादेश लाया था। और हाई कोर्ट में दिया था।जिसके बाद अबैध निर्माणों के खिलाफ तोड़ू कार्यवाही पर हाई कोर्ट ने रोक लगाया।और उल्हासनगर मनपा व महाराष्ट्र शासन को उल्हासनगर में बनने वाले अबैध निर्माणों को रोकने का आदेश दिया था।परंतु मनपा के भ्र्ष्टाचार से लिप्त मनपा प्रभाग अधिकारियों के संरक्ष्ण में अदालत के आदेश को ठेंगा दिखाकर बनने वाले अबैध निर्माणों को बचाये जाने की परिक्रिया जारी रही। इस दौरान अबैध निर्माण मामले में वसूली करते कई अधिकारी कर्मचारी एंटीकरप्शन के हत्थे चढ़ गये। उसके बाद भी निर्माण कार्य अपने रंग पर चल रहा है।सोमवार को एंटीकरप्शन विभाग ने मुकादम को रंगे हाथ 8 हजार रुपया लेते गिरप्तार करके मनपा के अधिकारियों में हड़कंप मचा दिया है।
मनपा में मचा हड़कंप !
उल्हासनगर- मनपा आयुक्त राजेन्द्र निंबालकर को मनपा महापौर द्वारा अबैध निर्माणों के खिलाफ निशाने पर लेकर कार्यवाही की मांग करने के बाद मनपा प्रशासन ने अभी तक तोड़ू कार्यवाही तो नही शुरू की जबकी शहर में बन रहे अबैध निर्माणों की वसूली करते उल्हासनगर मनपा में कार्यरत एक कर्मचारी पर अबैध निर्माण की वसूली करते रंगे हाथ ठाणे एंटीकरप्शन ने 8 हजार रुपया लेते गिरप्तार कर लिया है।
जिससे मनपा के अधिकारियों की मिली भगत से होने वाले अबैध निर्माण का बड़ा खुलासा होने से मनपा प्रशासन के प्रभाग अधिकारियों मुकदमा में हड़कंप मच गया है। प्राप्त जानकारी अनुसार मनपा के प्रभाग समिति 2 अंतर्गत के कार्यालय परिसर एरिया में एक व्यक्ति अबैध निर्माण कर रहा था।जिसके अबैध निर्माणों को तोड़ू कार्यवाही से बचाने के लिए प्रभाग समिति 2 के पैनल वार्ड 8 के मुकदमा अन्ना साहेब बोर्डे 42 ने 10 हजार रुपये की मांग की थी। मुकदमा की मांग पर अबैध निर्माणकर्ता ने 2 हजार रुपया पहले दे दिया था।बाकी बकाया रकम 8 हजार देने का वादा करके मुकादम द्वारा मांग की शिकायत ठाणे एंटीकरप्शन विभाग को किया ।जिसके बाद ठाणे एंटीकरप्शन विभाग उप अधीक्षक अंकुश बांगर की गठित टीम ने सोमवार को दोपहर नेहरू चौक स्थित मुकादम बोर्डे को अबैध निर्माण के 8 हजार रुपया लेते रंगे हाथ गिरप्तार कर लिया है। बता दे की उल्हासनगर मनपा अंतर्गत बन रहे अबैध निर्माण को बचाने को लेकर वसूली करने के आरोप में कई मनपा अधिकारी कर्मचारी समेत प्रभाग संभापति पर एंटीकरप्शन विभाग की गाज गिर चुकी है।जिसमे एंटीकरप्शन की गिरप्तारी के बाद कई मनपा अधिकारी व कर्मचारी पुनः मनपा के कई विभागों में कार्यरत कर दिये गये है। ध्यान देने की बात है की उल्हासनगर मनपा अंतर्गत अबैध निर्माणों के खिलाफ मुम्बई हाई कोर्ट ने वर्ष 2005 में तोड़ू कार्यवाही का आदेश दिया था जिस दौरान तोड़ू कार्यवाही में बड़े पैमाने पर मनपा प्रशासन ने तोड़ू कार्यवाही कर हड़कम्प मचा दिया था। उस दौरान तत्तकालीन महाराष्ट्र की अघाड़ी सरकार ने उल्हासनगर के अबैध निर्माणों को बचाने के लिये अध्यादेश लाया था। और हाई कोर्ट में दिया था।जिसके बाद अबैध निर्माणों के खिलाफ तोड़ू कार्यवाही पर हाई कोर्ट ने रोक लगाया।और उल्हासनगर मनपा व महाराष्ट्र शासन को उल्हासनगर में बनने वाले अबैध निर्माणों को रोकने का आदेश दिया था।परंतु मनपा के भ्र्ष्टाचार से लिप्त मनपा प्रभाग अधिकारियों के संरक्ष्ण में अदालत के आदेश को ठेंगा दिखाकर बनने वाले अबैध निर्माणों को बचाये जाने की परिक्रिया जारी रही। इस दौरान अबैध निर्माण मामले में वसूली करते कई अधिकारी कर्मचारी एंटीकरप्शन के हत्थे चढ़ गये। उसके बाद भी निर्माण कार्य अपने रंग पर चल रहा है।सोमवार को एंटीकरप्शन विभाग ने मुकादम को रंगे हाथ 8 हजार रुपया लेते गिरप्तार करके मनपा के अधिकारियों में हड़कंप मचा दिया है।
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