कल्याण कोर्ट ने उमपाआयुक्त,डी,सी,पी,एसीपी,पी,आई पर अक्ट्रोसीटी कानून के तहत मामला दर्ज करने का दिया आदेश !
उल्हासनगर-उल्हासनगर महानगरपालिका आयुक्त सहित तीन पुलिस अधिकारियों पर कल्याण जिला सत्र न्यायालय ने एक सुनवाई के दौरान अनुसूचित जाति जमाती कानून के अनुसार मामला दर्ज करने के आदेश के बाद महानगरपालिका में खलबली मच गई है।
फरवरी में हुए उल्हासनगर महानगरपालिका चुनाव में चुनकर आये हुए रिपाई(आठवले गट),भारिप, पीआरपी सहित कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के गट नेताओँ को कार्यालय और अन्य सुविधाएं पालिका ने दिया था।लेकिन अचानक ६जुलाई को आयुक्त निंबालकर ने इन पांचों कार्यालयों को सील कर दिया था।इस प्रकरण से रिपाई के पांचों पक्षों। के नगरसेवक चिढ़ गए थे, आयुक्त ने दलील दी थी कि इन पांचों पक्षों ने अवैध रूप से कार्यालय लिया था।कार्यालय सील होने के विवाद में रिपाई गट नेता व शहर जिलाध्यक्ष भगवान भालेराव और आयुक्त राजेंद्र निंबालकर के बीच कहासुनी हो गई थी, जिसमे आयुक्त ने हीन दर्जे का जातिवाचक शब्दों का इस्तेमाल किया था।इसके बाद पुलिस द्वारा आयुक्त पर कार्रवाई करने की मांग की गई थी।लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न करने के बाद इसके विरोध में भालेराव ने कल्याण जिला सत्र न्यायालय की शरण में गए थे।उसी संदर्भ में कल सुनवाई के दौरान न्यायालय ने आयुक्त राजेंद्र निंबालकर, परिमंडल ४ के पुलिस उपायुक्त अंकित गोयल, सहायक पुलिस आयुक्त विकास कोटावाला और पी आई अविनाश कालदाते इन चारों के विरुद्ध अनुसूचित जाति जमाती कानून के अनुसार मामला दर्ज करने का आदेश पुलिस को दिया है, ऐसी जानकारी भालेराव के वकील जय गायकवाड़ ने दी है।
उल्हासनगर-उल्हासनगर महानगरपालिका आयुक्त सहित तीन पुलिस अधिकारियों पर कल्याण जिला सत्र न्यायालय ने एक सुनवाई के दौरान अनुसूचित जाति जमाती कानून के अनुसार मामला दर्ज करने के आदेश के बाद महानगरपालिका में खलबली मच गई है।
फरवरी में हुए उल्हासनगर महानगरपालिका चुनाव में चुनकर आये हुए रिपाई(आठवले गट),भारिप, पीआरपी सहित कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के गट नेताओँ को कार्यालय और अन्य सुविधाएं पालिका ने दिया था।लेकिन अचानक ६जुलाई को आयुक्त निंबालकर ने इन पांचों कार्यालयों को सील कर दिया था।इस प्रकरण से रिपाई के पांचों पक्षों। के नगरसेवक चिढ़ गए थे, आयुक्त ने दलील दी थी कि इन पांचों पक्षों ने अवैध रूप से कार्यालय लिया था।कार्यालय सील होने के विवाद में रिपाई गट नेता व शहर जिलाध्यक्ष भगवान भालेराव और आयुक्त राजेंद्र निंबालकर के बीच कहासुनी हो गई थी, जिसमे आयुक्त ने हीन दर्जे का जातिवाचक शब्दों का इस्तेमाल किया था।इसके बाद पुलिस द्वारा आयुक्त पर कार्रवाई करने की मांग की गई थी।लेकिन पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई न करने के बाद इसके विरोध में भालेराव ने कल्याण जिला सत्र न्यायालय की शरण में गए थे।उसी संदर्भ में कल सुनवाई के दौरान न्यायालय ने आयुक्त राजेंद्र निंबालकर, परिमंडल ४ के पुलिस उपायुक्त अंकित गोयल, सहायक पुलिस आयुक्त विकास कोटावाला और पी आई अविनाश कालदाते इन चारों के विरुद्ध अनुसूचित जाति जमाती कानून के अनुसार मामला दर्ज करने का आदेश पुलिस को दिया है, ऐसी जानकारी भालेराव के वकील जय गायकवाड़ ने दी है।
Jatiywadi sabda wapararne he shaskiy adhikaryala shobat nahi.. unhegarala kayadeshir karwai pramane saja milalich pahije
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