जाली हस्ताक्षर करके पार्टनर ने किया लाखों का फ्राड !
पुलिस कार्यवाई करने की बजाय शिकायतकर्ता पर ही डाल रही सटलमेंट करने का दबाव !
मुंबई -मुंबई के आइकॉन डेवलपर्स कंपनी के नरेंद्र कुमार चांदीरामानी का उनके पार्टनर द्वारा ४१ लाख रुपए का हेरा फेरी करने का मामला सामने आया है।इस प्रकरण में कांदिवली के चारकोप पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ है।पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करके उसे तत्काल छोड़ दिया और सह आरोपी अभी भी खुलेआम घूम रहा है, इस पर चाँदीरामानी ने आश्चर्य व्यक्त किया है। बता दे कि मार्च २०१७ में चांदीरामानी के देना बैंक कांदिवली स्थित शाखा के खाते से उनके भागीदार मनसुख बेचर विरामगामा ने जाली हस्ताक्षर करके ४१ लाख५० हजार रुपए निकाल लिया और उस रकम को अपने दामाद आशीष मोदी व अपने दोस्त सुदाम बोडके के एकाउंट में जमा कर दिया था। स्थानीय पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करने से आनाकानी करने के बाद चांदीरामानी ने प्रधानमंत्री कार्यालय से पत्र देकर निवेदन किया कि इस मामले में न्याय करें।आखिरकार चांदीरामानी का प्रयास सफल रहा और मनसुख के विरुद्ध भा. द.वि.की धारा ४२०,४०६,४६५,४६७,४६८व४७१ के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया।लेकिन इस मामले में आशीष मोदी और सुदाम बोडके की सहभागिता होते हुए भी उन्हें सहआरोपी क्यों नहीं बनाया गया।इतना गंभीर मामला होते हुए भी ये अभी खुलेआम घूम रहे हैं, ऐसा प्रश्न चांदीरामानी ने उपस्थित किया है।पुलिस इस मामले में आरोपियों से सेटलमेंट करने का दबाव डाल रही है,ऐसा आरोप चांदीरामानी ने किया है।
पुलिस कार्यवाई करने की बजाय शिकायतकर्ता पर ही डाल रही सटलमेंट करने का दबाव !
मुंबई -मुंबई के आइकॉन डेवलपर्स कंपनी के नरेंद्र कुमार चांदीरामानी का उनके पार्टनर द्वारा ४१ लाख रुपए का हेरा फेरी करने का मामला सामने आया है।इस प्रकरण में कांदिवली के चारकोप पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज हुआ है।पुलिस ने मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करके उसे तत्काल छोड़ दिया और सह आरोपी अभी भी खुलेआम घूम रहा है, इस पर चाँदीरामानी ने आश्चर्य व्यक्त किया है। बता दे कि मार्च २०१७ में चांदीरामानी के देना बैंक कांदिवली स्थित शाखा के खाते से उनके भागीदार मनसुख बेचर विरामगामा ने जाली हस्ताक्षर करके ४१ लाख५० हजार रुपए निकाल लिया और उस रकम को अपने दामाद आशीष मोदी व अपने दोस्त सुदाम बोडके के एकाउंट में जमा कर दिया था। स्थानीय पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करने से आनाकानी करने के बाद चांदीरामानी ने प्रधानमंत्री कार्यालय से पत्र देकर निवेदन किया कि इस मामले में न्याय करें।आखिरकार चांदीरामानी का प्रयास सफल रहा और मनसुख के विरुद्ध भा. द.वि.की धारा ४२०,४०६,४६५,४६७,४६८व४७१ के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया।लेकिन इस मामले में आशीष मोदी और सुदाम बोडके की सहभागिता होते हुए भी उन्हें सहआरोपी क्यों नहीं बनाया गया।इतना गंभीर मामला होते हुए भी ये अभी खुलेआम घूम रहे हैं, ऐसा प्रश्न चांदीरामानी ने उपस्थित किया है।पुलिस इस मामले में आरोपियों से सेटलमेंट करने का दबाव डाल रही है,ऐसा आरोप चांदीरामानी ने किया है।
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