पंचम कलानी के महापौर पद पर लगा ग्रहण ?
भाजपा की अंदरूनी कलह का फायदा मिल रहा है आयलानी को !
उल्हासनगर-उल्हासनगर मनपा में सवा साल के बाद महापौर पद टीम ओमी कालानी के हिस्से आएगा ऐसी चर्चाओं का दौर पिछले दो तीन महीनों से चल रहा है और महापौर पद पर पंचम कालानी विराजमान होंगी,ऐसा छाती ठोंककर कहनेवाले ओमी कालानी के मित्र पक्ष भाजपा ने राजकीय छल किया है, ऐसा दिखाई दे रहा है।विद्यमान महापौर मीना आयलानी पर राजकीय दबाव लाकर उन्हें पद छोड़ने के लिए मजबूर करने वाले ओमी कालानी का सारी कोशिश अब तकअसफल साबित हो रहा है। कुल मिलाकर यह कहना होगा कि पंचम कलानी के महापौर पद पर लगा ग्रहण ?
बता दे कि २०१७ में हुए उल्हासनगर मनपा चुनाव में भाजपा-टीम ओमी कालानी ने एकत्रित हो कर चुनाव लड़े थे, इनके कुल ३१नगरसेवक चुन कर आए थे।शिवसेना २५,राष्ट्रवादी ४,साई पक्ष १२,रिपाई३,कांग्रेस १,भारिप१ कुल मिलाकर ७७ ऐसी पार्टियों की स्थिति है।भाजपा-टीम ओमी कालानी, साईं पार्टी ने मिलकर अपनी सत्ता स्थापित की और शिवसेना सहित राष्ट्रवादी, कांग्रेस, भारिप ने विरोधी पक्ष में बैठना पसंद किया।भाजपा-टीम ओमी कालानी इस गठबंधन ने कमल के निशान पर चुनाव लड़ा।सत्ता में आने के बाद महापौर पद पर भाजपा की नगरसेविका मीना आयलानी विराजमान हुई।इसके पूर्व सवा-सवा साल के लिए महापौर पद पर रहने का अवसर दोनो पार्टियों को मिलेगा, ऐसा समझौता हुआ था,ऐसा ओमी कालानी का कहना है।लेकिन मीना आयलानी का दावा है कि ऐसा कोई समझौता नही हुआ है। कुछ दिनों पहले टीम ओमी कालानी और भाजपा के कुछ नगरसेवकों ने एक पत्रकार परिषद लेकर मीना आयलानी इस्तीफा दें, ऐसी मांग की थी।इस मौके पर भाजपा के कुछ नगरसेवकों ने मीना आयलानी के कार्य पद्धति पर जोरदार टिप्पणी की थी।इसके बाद कई बार ओमी कालानी ने दबाव तंत्र का उपयोग किया, लेकिन मीना आयलानी इस महापौर पद को छोड़ने के लिए तैयार नही है।मिना आयलानी के अनुसार मुख्यमंत्री के सामने महापौर पद के संदर्भ में किसी भी प्रकार की चर्चा नहीं हुई है और जब तक मुझे इस्तीफा देने के लिए नही कहा जायेगा, तब तक मैं इस्तीफा नही दूंगी, उन्होंने ऐसी भूमिका ली है।वर्तमान में उल्हासनगर में राजकीय स्थिति यह ओमी कालानी के विरोध में है।भाजपा के अनेक नगरसेवक कालानी परिवार के विरोध में है।भाजपा के मित्र पक्ष साई पार्टी के पास उप महापौर पद वर्तमान में है और यह आगे भी रहेगी।लेकिन इस पार्टी का भी पंचम कालानी के महापौर पद का विरोध है।इतना ही नहीं, टीम ओमी कालानी के कुछ नगरसेवक भी मीना आयलानी के संपर्क में है।राष्ट्रवादी कांग्रेस के नगरसेवक भरत गंगोत्री ये कालानी परिवार के कट्टर विरोधी है, अगर पंचम कालानी को महापौर पद नही देते हैं तो हमारे ३ नगरसेवक के साथ हम सत्ताा में शामिल होने के लिए तैयार है, ऐसा संकेत मीना कालानी को दिया है, ऐसा लग रहा है।कांग्रेस और भारिप के नगरसेवकों की भी आयलानी के साथ चर्चा शुरू है,ऐसा समझा जा रहा है। इस राजकीय समीकरण के कारण ओमी कालानी की राजकीय स्थिति डावांडोल होने से वे बैकफुट पर नजर आ रहे हैं और राजकीय प्रतिस्पर्धी में मीना आयलानी का पक्ष मजबूत हो गया है।
भाजपा की अंदरूनी कलह का फायदा मिल रहा है आयलानी को !
उल्हासनगर-उल्हासनगर मनपा में सवा साल के बाद महापौर पद टीम ओमी कालानी के हिस्से आएगा ऐसी चर्चाओं का दौर पिछले दो तीन महीनों से चल रहा है और महापौर पद पर पंचम कालानी विराजमान होंगी,ऐसा छाती ठोंककर कहनेवाले ओमी कालानी के मित्र पक्ष भाजपा ने राजकीय छल किया है, ऐसा दिखाई दे रहा है।विद्यमान महापौर मीना आयलानी पर राजकीय दबाव लाकर उन्हें पद छोड़ने के लिए मजबूर करने वाले ओमी कालानी का सारी कोशिश अब तकअसफल साबित हो रहा है। कुल मिलाकर यह कहना होगा कि पंचम कलानी के महापौर पद पर लगा ग्रहण ?
बता दे कि २०१७ में हुए उल्हासनगर मनपा चुनाव में भाजपा-टीम ओमी कालानी ने एकत्रित हो कर चुनाव लड़े थे, इनके कुल ३१नगरसेवक चुन कर आए थे।शिवसेना २५,राष्ट्रवादी ४,साई पक्ष १२,रिपाई३,कांग्रेस १,भारिप१ कुल मिलाकर ७७ ऐसी पार्टियों की स्थिति है।भाजपा-टीम ओमी कालानी, साईं पार्टी ने मिलकर अपनी सत्ता स्थापित की और शिवसेना सहित राष्ट्रवादी, कांग्रेस, भारिप ने विरोधी पक्ष में बैठना पसंद किया।भाजपा-टीम ओमी कालानी इस गठबंधन ने कमल के निशान पर चुनाव लड़ा।सत्ता में आने के बाद महापौर पद पर भाजपा की नगरसेविका मीना आयलानी विराजमान हुई।इसके पूर्व सवा-सवा साल के लिए महापौर पद पर रहने का अवसर दोनो पार्टियों को मिलेगा, ऐसा समझौता हुआ था,ऐसा ओमी कालानी का कहना है।लेकिन मीना आयलानी का दावा है कि ऐसा कोई समझौता नही हुआ है। कुछ दिनों पहले टीम ओमी कालानी और भाजपा के कुछ नगरसेवकों ने एक पत्रकार परिषद लेकर मीना आयलानी इस्तीफा दें, ऐसी मांग की थी।इस मौके पर भाजपा के कुछ नगरसेवकों ने मीना आयलानी के कार्य पद्धति पर जोरदार टिप्पणी की थी।इसके बाद कई बार ओमी कालानी ने दबाव तंत्र का उपयोग किया, लेकिन मीना आयलानी इस महापौर पद को छोड़ने के लिए तैयार नही है।मिना आयलानी के अनुसार मुख्यमंत्री के सामने महापौर पद के संदर्भ में किसी भी प्रकार की चर्चा नहीं हुई है और जब तक मुझे इस्तीफा देने के लिए नही कहा जायेगा, तब तक मैं इस्तीफा नही दूंगी, उन्होंने ऐसी भूमिका ली है।वर्तमान में उल्हासनगर में राजकीय स्थिति यह ओमी कालानी के विरोध में है।भाजपा के अनेक नगरसेवक कालानी परिवार के विरोध में है।भाजपा के मित्र पक्ष साई पार्टी के पास उप महापौर पद वर्तमान में है और यह आगे भी रहेगी।लेकिन इस पार्टी का भी पंचम कालानी के महापौर पद का विरोध है।इतना ही नहीं, टीम ओमी कालानी के कुछ नगरसेवक भी मीना आयलानी के संपर्क में है।राष्ट्रवादी कांग्रेस के नगरसेवक भरत गंगोत्री ये कालानी परिवार के कट्टर विरोधी है, अगर पंचम कालानी को महापौर पद नही देते हैं तो हमारे ३ नगरसेवक के साथ हम सत्ताा में शामिल होने के लिए तैयार है, ऐसा संकेत मीना कालानी को दिया है, ऐसा लग रहा है।कांग्रेस और भारिप के नगरसेवकों की भी आयलानी के साथ चर्चा शुरू है,ऐसा समझा जा रहा है। इस राजकीय समीकरण के कारण ओमी कालानी की राजकीय स्थिति डावांडोल होने से वे बैकफुट पर नजर आ रहे हैं और राजकीय प्रतिस्पर्धी में मीना आयलानी का पक्ष मजबूत हो गया है।
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