राष्ट्रवादी कांग्रेस की नगरसेविका सचदेव को हाई कोर्ट से मिली बड़ी राहत !
कोंकण विभाग के आदेश पर हाई कोर्ट ने दिया स्टे !
जाति प्रमाणपत्र जांच समिति ने ठहराया था अयोग्य !
उल्हासनगर-उल्हासनगर कोकण विभाग के द्वारा जाति प्रमाणपत्र जांच समिति ने उल्हासनगर मनपा के पैनल नंबर 17 की राष्ट्रवादी कांग्रेस की नगरसेविका सुमन सचदेव का जाति प्रमाण को अयोग्य माना था, समिति द्वारा जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिए जाने के कारण स्थानीय मनपा के आयुक्त अच्युत हांगे ने राकपा की नगरसेविका सुमन सचदेव का नगरसेवक पद रद्द कर दिया था, इस मामले को लेकर सुमन सचदेव ने हाई कोर्ट जाने का निर्णय लिया कोर्ट ने कोंकण विभाग के आदेश को रद्द करते हुए उन्हें इस मामलों पर स्टे दे दिया है ! गौरतलब है कि राकापा के टिकट पर सुमन सचदेव उपचुनाव जीत कर नगरसेविका बनी थी, साल 2017 में मनपा के हुए आम चुनाव में राकपा की पूजा कौर लभाणा विजयी हुई थीं, उन्होनें कांग्रेस की सिटिंग नगरसेविका जया साधवानी को पराजित किया था, साधवानी ने लभाणा के जाति प्रमाणपत्र को लेकर आपत्ति दर्ज करते हुये जांच की मांग की थी, तब कौर का जाति प्रमाणपत्र रद्द हुआ था, उसके बाद हुए उपचुनाव में राकां ने सुमन सचदेव को उतारा था, और राकां की ही सचदेव ने भाजपा की उम्मीदवार साक्षी पमनानी को 203 वोट के अंतर से पराजित किया था वह उपचुनाव में जीतने में सफल रही थी.कांग्रेस से जय साधवानी भी चुनावी मैदान में थी. मनपा में राकां के गुटनेता भरत गंगोत्री से जब इस संदर्भ बात की तो उन्होंने कहा कि जांच समिति ने सुमन सचदेव के जाति प्रमाण पत्र को रद्द किया है, उन्होंने कहा कि वह यूं शांत नहीं बैठेंगे वह अदालत से न्याय मांगेंगे, गंगोत्री ने कहा कि सुमन सचदेव कांग्रेस की जया साधवानी के चाचा अशोक कुमार उदासी की बेटी है यानी चचेरी बहन है जब साधवानी का जाति प्रमाणपत्र वैद्य है तो सचदेव का अवैध कैसे हो सकता है.इस लिए कोंकण विभाग के आदेश को चुनोती देने के लिए हाईकोर्ट का सहारा लिया कोर्ट ने इस मामले रांकपा नगरसेविका सुमन सचदेव को बड़ी राहत देते हुए स्टे दे दिया है बहरहाल इस आदेश के बाद उनका नगरसेवक पद पर पड़े अभी के संकट से दूर हो गया है जब तक कोर्ट का यह स्टे रहता तबतक के लिए ! यह देखा जाय तो विरोधी खेमे को बड़ा झटका लगा है !
कोंकण विभाग के आदेश पर हाई कोर्ट ने दिया स्टे !
जाति प्रमाणपत्र जांच समिति ने ठहराया था अयोग्य !
उल्हासनगर-उल्हासनगर कोकण विभाग के द्वारा जाति प्रमाणपत्र जांच समिति ने उल्हासनगर मनपा के पैनल नंबर 17 की राष्ट्रवादी कांग्रेस की नगरसेविका सुमन सचदेव का जाति प्रमाण को अयोग्य माना था, समिति द्वारा जाति प्रमाण पत्र रद्द कर दिए जाने के कारण स्थानीय मनपा के आयुक्त अच्युत हांगे ने राकपा की नगरसेविका सुमन सचदेव का नगरसेवक पद रद्द कर दिया था, इस मामले को लेकर सुमन सचदेव ने हाई कोर्ट जाने का निर्णय लिया कोर्ट ने कोंकण विभाग के आदेश को रद्द करते हुए उन्हें इस मामलों पर स्टे दे दिया है ! गौरतलब है कि राकापा के टिकट पर सुमन सचदेव उपचुनाव जीत कर नगरसेविका बनी थी, साल 2017 में मनपा के हुए आम चुनाव में राकपा की पूजा कौर लभाणा विजयी हुई थीं, उन्होनें कांग्रेस की सिटिंग नगरसेविका जया साधवानी को पराजित किया था, साधवानी ने लभाणा के जाति प्रमाणपत्र को लेकर आपत्ति दर्ज करते हुये जांच की मांग की थी, तब कौर का जाति प्रमाणपत्र रद्द हुआ था, उसके बाद हुए उपचुनाव में राकां ने सुमन सचदेव को उतारा था, और राकां की ही सचदेव ने भाजपा की उम्मीदवार साक्षी पमनानी को 203 वोट के अंतर से पराजित किया था वह उपचुनाव में जीतने में सफल रही थी.कांग्रेस से जय साधवानी भी चुनावी मैदान में थी. मनपा में राकां के गुटनेता भरत गंगोत्री से जब इस संदर्भ बात की तो उन्होंने कहा कि जांच समिति ने सुमन सचदेव के जाति प्रमाण पत्र को रद्द किया है, उन्होंने कहा कि वह यूं शांत नहीं बैठेंगे वह अदालत से न्याय मांगेंगे, गंगोत्री ने कहा कि सुमन सचदेव कांग्रेस की जया साधवानी के चाचा अशोक कुमार उदासी की बेटी है यानी चचेरी बहन है जब साधवानी का जाति प्रमाणपत्र वैद्य है तो सचदेव का अवैध कैसे हो सकता है.इस लिए कोंकण विभाग के आदेश को चुनोती देने के लिए हाईकोर्ट का सहारा लिया कोर्ट ने इस मामले रांकपा नगरसेविका सुमन सचदेव को बड़ी राहत देते हुए स्टे दे दिया है बहरहाल इस आदेश के बाद उनका नगरसेवक पद पर पड़े अभी के संकट से दूर हो गया है जब तक कोर्ट का यह स्टे रहता तबतक के लिए ! यह देखा जाय तो विरोधी खेमे को बड़ा झटका लगा है !
Sach sach hot hi sachi ki jeet hogi
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