टिओके नहीं करेगी शिवसेना उम्मीदवार का प्रचार ?
हमारा भाजपा से गठबंधन है, शिवसेना से कोई संबंध नहीं -टिओके प्रवक्ता
एक लाख से ज्यादा सिंधी ओट पर है कलानी दबदबा !
उल्हासनगर-उल्हासनगर पिछले हफ्ते युवासेना प्रमुख आदित्य ठाकरे ने कामगार रुग्णालय का भूमिपूजन किया,इस कार्यक्रम में कलानी परिवार से विधायक और महापौर को आमंत्रित न करने के कारण टिओके ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उल्हासनगर शहर में अपना प्रभाव रखनेवाली टिओके की नाराजगी शिवसेना उम्मीदवार श्रीकांत शिंदे को दूसरी बार लोकसभा में जाने के मार्ग में बड़ी बाधा बनने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
उल्हासनगर में कामगार रुग्णालय के भूमिपूजन का कार्यक्रम ३ मार्च को युवासेना प्रमुख आदित्य ठाकरे के हाथों संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में जिले के पालकमंत्री एकनाथ शिंदे, सांसद श्रीकांत शिंदे, भाजपा के जिलाध्यक्ष कुमार आयलानी, नगरसेवक आदि मान्यवर उपस्थित थे।विशेषतः इस कार्यक्रम में औरंगाबाद के सांसद चंद्रकांत खैरे, अंबरनाथ के विधायक बालाजी किणीकर, कल्याण ग्रामीण के विधायक सुभाष भोईर इनको आमंत्रण दिया गया लेकिन स्थानिय विधायक ज्योती कलानी और महापौर पंचम कलानी को इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था। इस अपमान का बदला लेने के लिए टिओके ने लोकसभा के चुनाव में शिवसेना उम्मीदवार का प्रचार न करने का निर्णय लिया है, ऐसा समझा जा रहा है।इस संदर्भ में टिओके के प्रवक्ता कमलेश निकम से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि विधायक ज्योती कलानी और महापौर पंचम कलानी ने कामगार रुग्णालय के इमारत के संदर्भ में अनेकों बार केंद्र और राज्य सरकार से की थी,आरोग्य मंत्री से मुलाकात कर कामगार रुग्णालय की दुर्दशा के बारे में भी बताया था। हमारी उल्हासनगर मनपा में भाजपा से गठबंधन है,कल्याण लोकसभा में भाजपा का उम्मीदवार नहीं है, इसकारण शिवसेना उम्मीदवार का प्रचार करने का प्रश्न ही निर्माण नहीं होता है, ऐसा निकम ने बताया। टिओके की उल्हासनगर में १ लाख की वोट बैंक है,सिंधी समाज के नेता पप्पू कलानी और राष्ट्रवादी कांग्रेस की विधायक ज्योती कलानी के पुत्र ओमी कलानी की टिओके संघटना है। मनपा में शिवसेना को सत्ता से दूर रखने के लिए भाजपा ने टिओके के साथ गठबंधन किया था। इसका भाजपा को फायदा मिला, जिसके कारण पंचम कलानी को महापौर पद दिया गया। कलानी परिवार का उल्हासनगर, कल्याण, अंबरनाथ में रहने वाले १ लाख से अधिक सिंधी भाषियों पर प्रभाव है। टिओके की नाराजगी का फटका शिवसेना उम्मीदवार को बैठ सकता है, ऐसा राजनीतिक विश्लेषकों का मत है। टिओके नेता ओमी कलानी के हृदय परिवर्तन के लिए शिवसेना क्या करती है, अब सब की नजर इस पर लगी हुई है।
हमारा भाजपा से गठबंधन है, शिवसेना से कोई संबंध नहीं -टिओके प्रवक्ता
एक लाख से ज्यादा सिंधी ओट पर है कलानी दबदबा !
उल्हासनगर-उल्हासनगर पिछले हफ्ते युवासेना प्रमुख आदित्य ठाकरे ने कामगार रुग्णालय का भूमिपूजन किया,इस कार्यक्रम में कलानी परिवार से विधायक और महापौर को आमंत्रित न करने के कारण टिओके ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उल्हासनगर शहर में अपना प्रभाव रखनेवाली टिओके की नाराजगी शिवसेना उम्मीदवार श्रीकांत शिंदे को दूसरी बार लोकसभा में जाने के मार्ग में बड़ी बाधा बनने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
उल्हासनगर में कामगार रुग्णालय के भूमिपूजन का कार्यक्रम ३ मार्च को युवासेना प्रमुख आदित्य ठाकरे के हाथों संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में जिले के पालकमंत्री एकनाथ शिंदे, सांसद श्रीकांत शिंदे, भाजपा के जिलाध्यक्ष कुमार आयलानी, नगरसेवक आदि मान्यवर उपस्थित थे।विशेषतः इस कार्यक्रम में औरंगाबाद के सांसद चंद्रकांत खैरे, अंबरनाथ के विधायक बालाजी किणीकर, कल्याण ग्रामीण के विधायक सुभाष भोईर इनको आमंत्रण दिया गया लेकिन स्थानिय विधायक ज्योती कलानी और महापौर पंचम कलानी को इस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था। इस अपमान का बदला लेने के लिए टिओके ने लोकसभा के चुनाव में शिवसेना उम्मीदवार का प्रचार न करने का निर्णय लिया है, ऐसा समझा जा रहा है।इस संदर्भ में टिओके के प्रवक्ता कमलेश निकम से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि विधायक ज्योती कलानी और महापौर पंचम कलानी ने कामगार रुग्णालय के इमारत के संदर्भ में अनेकों बार केंद्र और राज्य सरकार से की थी,आरोग्य मंत्री से मुलाकात कर कामगार रुग्णालय की दुर्दशा के बारे में भी बताया था। हमारी उल्हासनगर मनपा में भाजपा से गठबंधन है,कल्याण लोकसभा में भाजपा का उम्मीदवार नहीं है, इसकारण शिवसेना उम्मीदवार का प्रचार करने का प्रश्न ही निर्माण नहीं होता है, ऐसा निकम ने बताया। टिओके की उल्हासनगर में १ लाख की वोट बैंक है,सिंधी समाज के नेता पप्पू कलानी और राष्ट्रवादी कांग्रेस की विधायक ज्योती कलानी के पुत्र ओमी कलानी की टिओके संघटना है। मनपा में शिवसेना को सत्ता से दूर रखने के लिए भाजपा ने टिओके के साथ गठबंधन किया था। इसका भाजपा को फायदा मिला, जिसके कारण पंचम कलानी को महापौर पद दिया गया। कलानी परिवार का उल्हासनगर, कल्याण, अंबरनाथ में रहने वाले १ लाख से अधिक सिंधी भाषियों पर प्रभाव है। टिओके की नाराजगी का फटका शिवसेना उम्मीदवार को बैठ सकता है, ऐसा राजनीतिक विश्लेषकों का मत है। टिओके नेता ओमी कलानी के हृदय परिवर्तन के लिए शिवसेना क्या करती है, अब सब की नजर इस पर लगी हुई है।
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