चुनावी शोर हुआ खत्म,शिवसेना व रांकपा के बीच हैं कांटे की टक्कर !
कल्याण सीट पर इस बार कुल 28 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं !
इस सीट के बनने के बाद से यहां शिवसेना का ही कब्जा रहा है !
शिवसेना के गढ़ में अवैध कंस्ट्रक्शन और पानी सबसे बड़ी समस्या का रहा है चुनावी मुद्दा !
उत्तरभारतीय व सिंधी मतदाता की होगी निर्णायक भूमिका !
कल्याण-कल्याण लोकसभा का चुनावी शोर शाम 5 बजे बंद हो गया इस सीट पर शिवसेना व रांकपा उम्मीदवार के बीच कांटे की टक्कर होने का अनुमान सामने आ रहा है,वैसे कल्याण 2008 में हुए परिसीमन के बाद बनी इस सीट पर लगातार शिवसेना का ही कब्जा रहा है।वर्तमान में शिवसेना के श्रीकांत शिंदे सांसद हैं। पार्टी ने उन पर फिर भरोसा दिखाते हुए यहां से चुनावी मैदान में उतारा है। उनकी लड़ाई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार बाबाजी बलराम पाटिल से है। इन दोनों के खिलाफ यहां से 26 अन्य उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। यहां से शिवसेना का कब्जा रहा है।स्थानीय निकायों से लेकर विधानसभा तक पर शिवसेना-भाजपा का कब्जा है। इस क्षेत्र में अवैध निर्माण कार्य एक बड़ी समस्या है। पानी की बढ़ती मांग की पूर्ति के लिए विकल्प की तलाश एक बड़ा चुनावी मुद्दा है।
उत्तर भारतीय व सिंधी मतदाता है निर्णायक भूमिका में !
कल्याण लोकसभा क्षेत्र में सभी जाति का समावेश है। यह मराठा, उत्तर भारतीय, दक्षिण भारतीय, मुस्लिम, मारवाडी और गुजराती समाज की बहुलता वाला क्षेत्र है, लेकिन उत्तर भारतीय मतदाता यहां निर्णायक भूमिका में है। स्थानीय भूमिपुत्र व आगरी कार्ड, आरएसएस, हिंदुत्वादी संगठन आदि का प्रभाव मतदान क्षेत्र पर है।
वर्तमान सांसद का रिपोर्ट कार्ड
वर्तमान सांसद श्रीकांत शिंदे की लोकसभा में उपस्थिति 83 प्रतिशत रही। उन्होंने सदन में 930 प्रश्न उठाए और आठ प्राइवेट बिल भी पेश किए। शिंदे ने अपनी विकास निधि के 25 करोड़ रुपये का पूरा उपयोग किया।
छह हजार मतदाता बढ़े कल्याण लोकसभा चुनाव क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 6,078 बढ़ी है। सन 2014 के लोकसभा चुनाव में 19 लाख 21 हजार 530 मतदाता थे जबकि 31 जनवरी 2019 तक 19 लाख 27 हजार 608 मतदाता है। विधानसभा का समीकरण कल्याण लोकसभा के अंतर्गत छह विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें से अंबरनाथ, कल्याण ग्रामीण में शिवसेना का कब्जा है। वहीं, उल्हासनगर में एनसीपी, कल्याण पूर्व में निर्दलीय, डोंबिवली में भाजपा और मुम्ब्रा कलवा में एनसीपी के उम्मीदवार को जीत मिली थी। यही कारण है कि यहाँ पर शिवसेना व रांकपा की काटे की टक्कर होना तय है,इस बार शिवसेना अपना किला बचाती है या फिर रांकपा इस किले में सेंध लगाती है यह तो परिणाम आने के बाद पता चलेगा इसमें सबसे ज्यादा देखने वाला नजारा यह है कि सिंधी मतदाता किसको अपना मतदान करते है उस पर भी सब की नजरे टिंकी हुई है !
कल्याण सीट पर इस बार कुल 28 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं !
इस सीट के बनने के बाद से यहां शिवसेना का ही कब्जा रहा है !
शिवसेना के गढ़ में अवैध कंस्ट्रक्शन और पानी सबसे बड़ी समस्या का रहा है चुनावी मुद्दा !
उत्तरभारतीय व सिंधी मतदाता की होगी निर्णायक भूमिका !
कल्याण-कल्याण लोकसभा का चुनावी शोर शाम 5 बजे बंद हो गया इस सीट पर शिवसेना व रांकपा उम्मीदवार के बीच कांटे की टक्कर होने का अनुमान सामने आ रहा है,वैसे कल्याण 2008 में हुए परिसीमन के बाद बनी इस सीट पर लगातार शिवसेना का ही कब्जा रहा है।वर्तमान में शिवसेना के श्रीकांत शिंदे सांसद हैं। पार्टी ने उन पर फिर भरोसा दिखाते हुए यहां से चुनावी मैदान में उतारा है। उनकी लड़ाई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार बाबाजी बलराम पाटिल से है। इन दोनों के खिलाफ यहां से 26 अन्य उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। यहां से शिवसेना का कब्जा रहा है।स्थानीय निकायों से लेकर विधानसभा तक पर शिवसेना-भाजपा का कब्जा है। इस क्षेत्र में अवैध निर्माण कार्य एक बड़ी समस्या है। पानी की बढ़ती मांग की पूर्ति के लिए विकल्प की तलाश एक बड़ा चुनावी मुद्दा है।
उत्तर भारतीय व सिंधी मतदाता है निर्णायक भूमिका में !
कल्याण लोकसभा क्षेत्र में सभी जाति का समावेश है। यह मराठा, उत्तर भारतीय, दक्षिण भारतीय, मुस्लिम, मारवाडी और गुजराती समाज की बहुलता वाला क्षेत्र है, लेकिन उत्तर भारतीय मतदाता यहां निर्णायक भूमिका में है। स्थानीय भूमिपुत्र व आगरी कार्ड, आरएसएस, हिंदुत्वादी संगठन आदि का प्रभाव मतदान क्षेत्र पर है।
वर्तमान सांसद का रिपोर्ट कार्ड
वर्तमान सांसद श्रीकांत शिंदे की लोकसभा में उपस्थिति 83 प्रतिशत रही। उन्होंने सदन में 930 प्रश्न उठाए और आठ प्राइवेट बिल भी पेश किए। शिंदे ने अपनी विकास निधि के 25 करोड़ रुपये का पूरा उपयोग किया।
छह हजार मतदाता बढ़े कल्याण लोकसभा चुनाव क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 6,078 बढ़ी है। सन 2014 के लोकसभा चुनाव में 19 लाख 21 हजार 530 मतदाता थे जबकि 31 जनवरी 2019 तक 19 लाख 27 हजार 608 मतदाता है। विधानसभा का समीकरण कल्याण लोकसभा के अंतर्गत छह विधानसभा क्षेत्र आते हैं। इनमें से अंबरनाथ, कल्याण ग्रामीण में शिवसेना का कब्जा है। वहीं, उल्हासनगर में एनसीपी, कल्याण पूर्व में निर्दलीय, डोंबिवली में भाजपा और मुम्ब्रा कलवा में एनसीपी के उम्मीदवार को जीत मिली थी। यही कारण है कि यहाँ पर शिवसेना व रांकपा की काटे की टक्कर होना तय है,इस बार शिवसेना अपना किला बचाती है या फिर रांकपा इस किले में सेंध लगाती है यह तो परिणाम आने के बाद पता चलेगा इसमें सबसे ज्यादा देखने वाला नजारा यह है कि सिंधी मतदाता किसको अपना मतदान करते है उस पर भी सब की नजरे टिंकी हुई है !
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